आपका मनोज
चाहूँगा जब भी
चाहूँगा जब भी,
अपने आंसूओं को छुपा लूँगा !
चाहूँगा जब भी,
जी भर कर हँस लूँगा !!
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)