समय का फेर है , चारों ओर अंधेर है !!
खुद ही कोई सुराख़ करता हूँ या कोई नया चिराग जलाता हूँ ||
अपने लिए रोशनी का कोई नया इंतजाम बनाता हूँ ||
सवाल का जवाब मालूम है फिर भी दिया नहीं जाता |
कहीं टूट न जाये दिल किसी का इसलिए कहा भी नहीं जाता ||
हाँ भी दिल तोड़ती है , ना भी दिल तोड़ती है |
मन बहुत बैचैन है , अब सहा भी नहीं जाता ||
समय का फेर है , चारों ओर अंधेर है ||
दुखी मन मेरे ........................................
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