क़त्ल और कातिल

कुछ यूँ हुआ टुकडों में मेरा क़त्ल ....मैं क्या बताऊँ ,
क्या -क्या आरजू थी मेरी .. उस कातिल से ... मैं क्या बताऊँ !!!


उपरोक्त पंक्तियाँ काल्पनिक हैं | इसका किसी के जीवन से कोई लेना-देना नहीं है | :) :) ;)

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