मुझे क्या मतलब तुम्हारे भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से ?

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अपने उन दोस्तों को समर्पित जो अभी तक जागे नहीं है !!
नीचे लिखी गई पंक्तियौं  किसी व्यक्ति विशेष को आरोपित करने के लिए नहीं लिखी गई हैं !!  
मेरा मकसद ...........
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मुझको तो मिलती है महँगी शिक्षा !
मुझे क्या मतलब तुम्हारी अशिक्षा से !!

मुझको तो मिलता है घर का सुख !
मुझे क्या मतलब तुम बेघर से  !!

मुझको तो मिलता है  परिवार का सुख !
मुझे क्या मतलब तुम अनाथ से  !!

मुझको तो मिलता है भर पेट भोजन !
मुझे क्या मतलब तुम्हारी भूख ( अनशन ) से !!

मुझको तो मिलता है मिनिरल वाटर !
मुझे क्या मतलब तुम्हारी प्यास  से !!

मुझको तो मिलता है अच्छा पैकेज !
मुझे क्या मतलब तुम्हारी खाली जेब से !!

मुझको तो मिलता है अच्छा ट्रांसपोर्ट !
मुझे क्या मतलब तुम्हारी कैटल कैटगरी से !!

मुझको तो मिलता है ब्रांडेड आउट-फिट्स !
मुझे क्या मतलब तुम्हारे अनढके बदन से !!

मुझको तो मिलता लगातार बिजली का सुख !
मुझे क्या मतलब तुम्हारे अन्धकार से !!

मुझे क्या मतलब  तुम्हारे  भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से ?

मुझको तो सिर्फ चिल्लाना था !! 
अपनों के बीच वाद-विवाद में अपना वर्चस्व जमाना था | 
अंग्रेजी मैं तेरी औकात बताना था !
कान्वेंट स्कूल का हूँ मैं यह तुझको बताना था !!!
मुझको तो सिर्फ चिल्लाना था !! 

मुझको तो ओन-साईट जाना है !
खूब पैसा कमाना है !!
और उस पैसे के बल पर अपना  औकात बताना है !!

यहाँ मैं क्यों करूँ कोई जतन !
मेरे पास तो आप्शन में हैं कई विकसित वतन !!

मुझे क्या मतलब  तुम्हारे  भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से ?
मुझे क्या मतलब  तुम्हारे  भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से ?

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:)
और कुछ ज्यादा सुनना है तो मेरे पास आ जाओ !!

अपनी-अपनी जगह से जिस भी तरह हो सके अन्ना हजारे का समर्थन करो ||


10 टिप्‍पणियां:

  1. too good Manoj... this must get published in the daily's... please send it up, otherwise I can help... All the Best to the 2ns Quit India Movement... We Will get all the corrupt out of our country...!!

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  2. कुछ लोगों को सुधारा नहीं जा सकता

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  3. Why blame convent education and basic human desire to better than one's neighbor or want to have more comforts onsite? The same English debates on TV and celebs brought media attention.Most of us find opportunity of broader public service possible only as IAS/PCS or public offices and not as social workers.We are not saying,"mujhe kya karna tumhari bhuuk se" but also not becoming saints for sake of a cause.We support Anna's cause but do not want to renounce pleasures and feel bad about our being more gifted.Being "Rich" is not bad word like in 80s.

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