सरकार हमारी कुछ यूँ इतराती है !!
दिन के उजालों में भ्रस्टाचार विरोधी प्रश्नों से डरती है !
सरल समस्याओं का जटिल विकल्प निकालती है !
रात के नशे में निर्दोषों को कुचलती है !
पांच साल का करार दिखाती है !
अपने को सब से अच्छा बताती है !
सरकार हमारी कुछ यूँ इतराती है !
सरकार हमारी कुछ यूँ इतराती है !!
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इस समस्या का शांतिपूर्ण हल निकल सकता था !
४-५ की रात जो भी हुआ उससे मुझे बहुत दुख पहुंचा है !!
समस्या को समाप्त करने का तरीका निंदनीय है !!
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