सरकार से आतंकवाद पर देश की जनता मांगे हिसाब!
सरकार कहत है की चुप रह बे , काहे का हिसाब !
सरकार से मांग रहे हो हिसाब , क्या हो गया है दिमाग खराब !
अपना काम कर, समय पर टैक्स भर , मजे में हैं तुम्हारे सब कसाब !!
सरकार कहत है की चुप रह बे , काहे का हिसाब !
सरकार से मांग रहे हो हिसाब , क्या हो गया है दिमाग खराब !
अपना काम कर, समय पर टैक्स भर , मजे में हैं तुम्हारे सब कसाब !!
मजे में हैं तुम्हारे सब कसाब ....
जवाब देंहटाएंसुंदर व्यंग्य कविता !!!!!