आज का भारत

आज का भारत खुले खेत, खलियान और बागीचों से कहीं दूर, न्यूनतम सुविधाओं में गुजर-बसर करते हुए,  अपने संतानों के उज्जवल भविष्य के लिए जद्दोजहद करते हुए,  महानगरों की तंग गलियों में बसता है |

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