माँ

माँ

बादल का पर्वत के मस्तक को चूमना ,
माँ के स्नेह स्पर्श की याद दिलाता है ||
जल बन कर पर्वत के तल को चूमना ,
माँ के समर्पण भाव की याद दिलाता है ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें