मैं तेरी हर एक बात पर यूँही ऐतबार न करता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तेरा यूँही इंतजार न करता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तेरी एक झलक के लिए यूँही न तरसता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तेरे बनाए खाने को यूँही न चखता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तेरी बातों को यूँही न सुनता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तेरे दर पर यूँही न रुकता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तुझे यूँही याद न करता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तेरे साथ यूँही न चलता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तेरी हर एक फ़रियाद यूँही न सुनता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
नींद मुझसे यूँही न रूठ जाती,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
अकेलापन मुझको यूँही न इतना सताता ,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
मैं तेरी जुदाई में यूँही न तड़पता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
दीवानेपन की हद यूँही न पार कर जाता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता!!
जातपात की जटिलताओं को यूँही न भूल जाता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता!!
मैं तेरा यूँही इबादत न करता,
काश! मैं तुझसे प्यार न करता !!
:) मनोज :) सभी प्यार करने वालों को समर्पित!! आशा करता हूँ की आपको मेरी यह रचना पसंद आएगी ||
बहुत सही!! बढ़िया है.
जवाब देंहटाएं@Udan Tashtari: धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर ख्यालात ..वाह ..आभार
जवाब देंहटाएं@महेन्द्र : टिपण्णी के लिए धन्यवाद !!
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