मुझे पता नहीं था कि इन पंक्तियों को लिखने के बाद इसमें छिपे सवाल का जवाब इतनी जल्दी मिल जायेगा |
मुझे जवाब बहुत पसंद आया |
वक़्त के थपेड़ों ने मुझको कुछ इस तरह निचोड़ा |
जब-जब मैंने किसी परी से दिल जोड़ा |
या तो उसने ,या मैंने , शहर छोड़ा |
कभी जात , कभी औकात बना रोड़ा |
वक़्त के थपेड़ों ने मुझको कुछ इस तरह निचोड़ा |
जिंदगी ने मुझसे कुछ इस तरह मुँह मोड़ा |
जिंदगी ने मुझसे कुछ इस तरह मुँह मोड़ा | ;)
जवाब गुरुदेव कि इस कविता में मिला :
मैं अनेक वासनाओं को चाहता हूँ प्राणपण से
-- आपका मनोज :)
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएं@मनोज : अपने ब्लॉग को "अपना ब्लॉग" में जमा कराएं और अपने पाठकों की संख्या में इजाफा करें|
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