आपका मनोज

कलम का साथ

कहीं पहुँच न जाये तुझ तक मेरे दिल के जज्बात !
यह सोच कर मैंने छोड़ दिया कलम का साथ !!  :)   :)  :)
Posted by aapkamanoj at 2/26/2011 06:11:00 pm 1 टिप्पणी:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

मैं तेरा चेहरा न पढ़ पाता


तेरे बोले झूठ को  मैं यूँही न पकड़ पाता !
काश!! मैं तेरा चेहरा न पढ़ पाता !! 
Posted by aapkamanoj at 2/09/2011 02:37:00 pm 1 टिप्पणी:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें
नई पोस्ट पुराने पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें टिप्पणियाँ (Atom)

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2025 (1)
    • ►  अप्रैल (1)
  • ►  2020 (2)
    • ►  मई (1)
    • ►  मार्च (1)
  • ►  2017 (3)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  फ़रवरी (2)
  • ►  2016 (1)
    • ►  जनवरी (1)
  • ►  2014 (1)
    • ►  जून (1)
  • ►  2013 (15)
    • ►  दिसंबर (1)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  सितंबर (2)
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  जून (4)
    • ►  मई (2)
    • ►  अप्रैल (1)
    • ►  फ़रवरी (1)
  • ►  2012 (16)
    • ►  दिसंबर (1)
    • ►  नवंबर (2)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  जून (2)
    • ►  मई (1)
    • ►  मार्च (1)
    • ►  फ़रवरी (1)
    • ►  जनवरी (4)
  • ▼  2011 (14)
    • ►  अक्टूबर (2)
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जून (1)
    • ►  अप्रैल (5)
    • ►  मार्च (2)
    • ▼  फ़रवरी (2)
      • कलम का साथ
      • मैं तेरा चेहरा न पढ़ पाता
  • ►  2010 (25)
    • ►  दिसंबर (2)
    • ►  नवंबर (4)
    • ►  अक्टूबर (5)
    • ►  सितंबर (8)
    • ►  जून (2)
    • ►  अप्रैल (2)
    • ►  मार्च (1)
    • ►  जनवरी (1)
  • ►  2009 (10)
    • ►  दिसंबर (1)
    • ►  सितंबर (2)
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  मई (4)

मेरे बारे में

aapkamanoj
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

फ़ॉलोअर

Visitor Map

Live Maps Visitor

कुल पेज दृश्य

सरल थीम. andynwt के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.