आपका मनोज
कलम का साथ
कहीं पहुँच न जाये तुझ तक मेरे दिल के जज्बात !
यह सोच कर मैंने छोड़ दिया कलम का साथ !! :) :) :)
1 टिप्पणी:
शिवनाथ कुमार
28 फ़रवरी 2011 को 10:24 am बजे
बहुत अच्छा !!
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत अच्छा !!
जवाब देंहटाएं