आपका मनोज
मुस्कान
गम के अंधेरों से निकालकर तुझे खुशी के उजियारे में ले जाना चाहता हूँ |
ऐ दोस्त मैं तेरे मुरझाए चहरे पर खुशी की मुस्कान लाना चाहता हूँ ||
2 टिप्पणियां:
वीना श्रीवास्तव
23 सितंबर 2010 को 1:14 pm बजे
बहुत खूब
http://veenakesur.blogspot.com/
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Unknown
7 जून 2013 को 1:31 am बजे
अति सुन्दर
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बहुत खूब
जवाब देंहटाएंhttp://veenakesur.blogspot.com/
अति सुन्दर
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