मुंबई दर्शन

१ जुलाई को मैं अपने माता, पिता और भाई के साथ मुंबई दर्शन के लिए निकला | हमने कार्निवाल मुंबई दर्शन बस सेवा की सहायता से यह सफर पूरा किया | खास बात यह है की हमें यह बस सेवा अपने घर के समीप से मिल जाती है | सफर का आरम्भ गेट वे ऑफ़ इंडिया ( भारत का प्रवेश द्वार ) से हुआ | हमने करीब ३० मिनट वंहा बिताये | हमने ताज होटल पर हुए आतंकवादी हमले के बारे मैं आपस मैं चर्चा किया | इसके बाद हम लोग तारापुर मत्स्यालय गए पर बिजली ना होने क कारण हमे वंहा से लौटना पड़ा | फ़िर हम हँगिंग और बूट उद्यान गए | गाइड हमें रास्ते मैं पड़ने वाले स्थलों के बारे मैं जानकारी देते जा रहा था | सफर का अगला मंजिल महालक्ष्मी मन्दिर था | इसके बाद हम वरली इलाके मैं अटरिया मॉल में 4d फ़िल्म देखने गए | २५ मिनट की फ़िल्म का सभी ने खूब लुत्फ़ उठाया | इसके बाद हम नेहरू विज्ञानं केन्द्र गए | केन्द्र काफी भव्य और विशाल है | यंहा पर विज्ञानं सम्बंधित अनेकों प्रयोगों के मॉडल प्रर्दशित किया गया है | ४० मिनट में हम इस जगह का केवल अवलोकन ही कर पाये | हमने बांद्रा वरली सी लिंक पर सफर का मज़ा लिया | गाइड ने हमें रास्ते में पड़ने वाले सभी फ़िल्म कलाकारों के बंगलों को भी दिखाया | सफर का आखिरी बिन्दु जुहू चौपाटी था | शाम का समय चौपाटी पर हमने सागर के किनारे काफ़ी समय व्यतीत किया | सागर की लहरें , ठंडी ठंडी हवा और चटपटा नाश्ते का हम सभी ने भरपूर अनुभव किया | शाम के ७ बज चुके थे बस अब सबको जल्दी से अपने घर वापस पहुँचने की चाहत थी |

बिना बस सर्विस के यह सफर असंभव था | अकेले एक-एक जगह जाना मंहगा पड़ता और काफी समय भी लगता | मुंबई की भीड़ के बारे में तो आप सब लोग जानते ही हैं |

मुसाफिर हूँ मैं यारों .....