माँ

माँ

बादल का पर्वत के मस्तक को चूमना ,
माँ के स्नेह स्पर्श की याद दिलाता है ||
जल बन कर पर्वत के तल को चूमना ,
माँ के समर्पण भाव की याद दिलाता है ||

लालबागचा राजा का दर्शन

दिनांक २५ को मैं अपने ४ दोस्तों के साथ मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणेश उत्सव को देखने लालबाग गया | मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में यह उत्सव बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है | बाजार की रौनक देखते ही बनती है | घरों के अलावा सार्वजनिक स्थलों पर भी लोग मिलकर सुंदर - सुंदर पंडालों में गणेश जी की स्थापना करते हैं | लोकमान्य जी ने सार्वजनिक रूप में इस उत्सव को मानाने की शुरूवात की थी | इसके माध्यम से जनता में एकता की भावना को प्रबल करने में सहायता मिलती है साथ में अपनी बात को आसानी से अवाम तक पहुँचाया जा सकता है |

लालबाग में प्रशासन की व्यवस्था काफी चुस्त थी | व्यवस्थित ढंग से भीड़ से निपटा जा रहा था | २ घंटे से भी कम समय में हमने दर्शन कर लिया | गणेश जी की विशालकाय प्रतिमा बहुत ही सुंदर थी और सजीव सी प्रतीत होती थी | स्वयंसेवकों के योगदान के बिना यह उत्सव असंभव है | मुझे यह सब बहुत भाया और आने वाले वर्षों में भी मैं दर्शन के लिए जाना चाहूँगा |


मुसाफिर हूँ मैं यारों ......................... :)