आपका मनोज
कुछ आंसू
कुछ आंसू बहे !
उन आंसुओं के संग !
कुछ अन्दर की !
कुछ बाहर की !
दुनिया की तस्वीर साफ़ हुई !!
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)