आपका मनोज
कलम का साथ
कहीं पहुँच न जाये तुझ तक मेरे दिल के जज्बात !
यह सोच कर मैंने छोड़ दिया कलम का साथ !! :) :) :)
मैं तेरा चेहरा न पढ़ पाता
तेरे बोले झूठ को मैं यूँही न पकड़ पाता !
काश!! मैं तेरा चेहरा न पढ़ पाता !!
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